Mutual fund एक ऐसा फंड है जो किसी ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी द्वारा मैनेज किया जाता है mutual fund में बहुत सारे इन्वेस्टर अपने जमा पैसे को इन्वेस्ट करते हैं. और इस पैसे को ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी के द्वारा इकट्ठा करके स्टॉक, बॉन्ड, शॉर्ट टर्म डेट, जैसे सिक्योरिटीज में इन्वेस्ट किया जाता है.
Mutual fund में इन्वेस्टर द्वारा मुचल फंड की यूनिट को खरीदा जाता है. यह यूनिट ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी द्वारा बेची जाती है. और इससे इकट्ठे हुए पैसे को ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी सिक्योरिटीज खरीदती है. सिक्योरिटीज का दाम बढ़ने या घटने पर इन्वेस्टर के पास उपलब्ध यूनिट के दाम भी साथ-साथ बढ़ते या घटते हैं.
ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी के द्वारा फंड को मैनेज करने के लिए एक फंड मैनेजर नियुक्त किया जाता है जोकि एक मुचल फंड को मैनेज करता है फंड मैनेजर के द्वारा फड मैनेज करने के एवज में कुछ फीस भी चार्ज किया जाता है जोकि इन्वेस्टर द्वारा जमा किए गए फड का कुछ प्रतिशत होता है अलग-अलग फंड मैनेजर द्वारा अलग-अलग फीस चार्ज किया जाता है
Mutual fund डायवर्सिफिकेशन
मुचल फंड मैं आमतौर पर एक साथ कई कंपनियों और कई इंडस्ट्रीज में इन्वेस्ट किया जाता है इससे यह फायदा होता है कि अगर किसी एक कंपनी में नुकसान होने से इन्वेस्टर के कुल फंड में कोई खास फर्क नहीं पड़ता है इसी को हम मुचल फंड डायवर्सिफिकेशन कहते हैं लगभग सारे फंड में डायवर्सिफाइड पोर्टफोलियो बनाया जाता है तथा इसके द्वारा होने वाले नुकसान को मैनेज किया जाता है
लिक्विडिटी. Liquidity
इन्वेस्टर आसान तरीके से जब चाहे अपने मुचल फंड यूनिट स्को बेचकर अपने पैसे को रिडीम कर सकते हैं अर्थात निकाल सकते हैं मुचल फंड कम पैसे इन्वेस्ट करके पैसे को बढ़ाने का एक बहुत ही अच्छा माध्यम है
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